हम भले ही 21वीं सदी में जी रहे हों, लेकिन समाज का एक बड़ा हिस्सा अभी भी सदियों पुरानी बेड़ियों में जकड़ा हुआ है। हालांकि, शिक्षा और जागरूकता के अभियानों से कुष्ठ रोग जैसी बीमारी के बारे में लोगों का नजरिया शायद बदलने लगा है।from Navbharat Times https://ift.tt/2mr6vOb
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