एक कंपनी ने 2014-15 में एक ऐथलीट को यह कहकर स्पोर्ट्स कॉन्ट्रैक्ट से निकाल दिया था कि अब उनमें बेहतर प्रदर्शन की गुंजाइश नहीं रही है। हालांकि उस ऐथलीट को उम्मीद थी कि कंपनी उसे परमानेंट कर देगी, लेकिन कंपनी ने उसे बेरोजगार ही कर दिया।from Navbharat Times https://ift.tt/2on6VGc
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