Sunday, 26 August 2018

20 रुपये महीने की तनख्वाह में काम करती हैं ये 71 साल की बुजुर्ग महिला

आज के बढ़ते महंगाई के दौर में भला कोई बीस रुपये महीने की तनख्वाह में भी काम कर सकता है. यकीनन आपका जवाब नहीं में होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. 71 साल की एक उम्र में एक बुजुर्ग महिला सरकारी स्कूल में बतौर स्वीपर काम करती हैं और उन्हें काम के बदले मेहनताने के तौर पर महज 20 रूपये महीने का भुगतान स्कूल के द्वारा किया जाता है. कितनी त्रासदी है इस बुजुर्ग महिला के साथ साल 1982 में इनकी नियुक्ति बतौर स्वीपर कुलगाम ज़िले के गार्ड हांजी गांव के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में हुई. इस मामले में अपना दर्द बयां करते हुए ताज बेगम ने बताया कि जब उनकी नियुक्ति हुई थी तो उन्हें एक रुपया मिलता था, फिर बाद में एक से पांच रुपये मिलने लगा और फिर दस और अब बीस रुपया मिलता है. यही नहीं वो बताती है कि इन्हीं पैसे से उन्हें स्कूल के लिए झाड़ू भी खरीदना पड़ता है. स्कूल ताज बेगम को जो पैसा देता है, वो भी उन्हें नकद दिया जाता है. बीते 36 सालों से सरकारी प्राइमरी स्कूल में काम कर रही ताजा बेगम की बहाली चिट्ठी में लिखा है कि वो 'कंटीजेंट पेड वर्कर' के रूप में बहाल हुई हैं. जिसके कारण उन्हें स्कूल लोकल फ़ंड से हर महीने दस रुपया दिया जाता है. इस बात पर वो कहती हैं, "मैंने पूरी ज़िंदगी स्कूल की गर्द खाई है. अब बीमार रहने लगी हूं. खांसी की मरीज़ हूं. दुनिया कितनी बदल गई, लेकिन मेरी क़िस्मत आजतक नहीं बदली. मुझे आज भी वही 20 रुपया मिलता है. जब मैंने स्कूल में स्वीपर का काम शुरू किया था तो मुझे केवल एक रुपये तनख्वाह मिलती थी." ताजा बेगम आज मिलने वाले 20 रुपए से अपनी दवा भी नहीं खरीद पाती हैं.

from Latest News OMG News18 हिंदी https://ift.tt/2o3DmsS

Related Posts:

0 comments: