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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 04 May 2018 07:09 PM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच इस साल कम से कम तीन और मुलाकातें हो सकती हैं। भारत में चीनी राजदूत लुओ झाओहुई ने शुक्रवार को यह बात कही। हाल ही में दोनों नेताओं के बीच वुहान में अनौपचारिक वार्ता हुई थी।
वुहान समिट : सिनो-इंडिया रिलेशंस एंड इट्स वे फारवर्ड पर आयोजित सेमिनार में लुओ ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच पिछले दिनों हुई दो दिवसीय समिट के दौरान वैश्विक और द्विपक्षीय दीर्घकालिक और रणनीतिक संबंधों को लेकर व्यापक सहमति बनी। वुहान में दोनों नेताओं की बातचीत से पुनर्विश्वास बहाली और संबंधों में सुधार को नई गति मिली जिसे दोकलाम में तनाव के चलते झटका लगा था।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति शी का बीजिंग से बाहर दो बार मोदी का स्वागत किया जाना भारत के साथ संबंधों को दी जानी वाली अहमियत को दिखाता है। इससे पहले शी ने किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के लिए ऐसा नहीं किया। दोनों नेताओं के पास इस साल तीन से अधिक अवसरों पर मुलाकात के मौके होंगे।
चीनी राजदूत ने बताया कि दोनों नेता जून में चीन में होने वाले शंघाई कोऑपरेशन आर्गनाइजेशन (एससीओ), दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स सम्मेलन, अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में जी20 सम्मेलन में मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंधित अधिकारी इन मुलाकातों को लेकर काम कर रहे हैं।
चीन में पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात को लेकर अमेरिका ने सराहना की है। व्हाइट हाउस ने भी मोदी-जिनपिंग के बीच चीन के वुहान शहर में हुई बैठक को समर्थन देते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि दुनिया के नेता आपस में मिल रहे हैं।
चीन में इस दो दिनी अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और शी जिनपिंग सैन्य व सुरक्षा मामलों में संचार व्यवस्था को सुधारने पर सहमत हुए थे। शिखर सम्मेलन के बारे में पूछे जाने पर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के दोनों देशों के साथ अच्छे रिश्ते हैं ओर हम इसे इसी तरह आगे भी जारी रखना चाहते हैं। मेरा मानना है कि विश्व नेताओं के एक साथ आने से चीजें हमेशा ठीक हों। हम यदि सहयोग कर सकते हैं तो निश्चित तौर पर यह अच्छी बात होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच इस साल कम से कम तीन और मुलाकातें हो सकती हैं। भारत में चीनी राजदूत लुओ झाओहुई ने शुक्रवार को यह बात कही। हाल ही में दोनों नेताओं के बीच वुहान में अनौपचारिक वार्ता हुई थी।
वुहान समिट : सिनो-इंडिया रिलेशंस एंड इट्स वे फारवर्ड पर आयोजित सेमिनार में लुओ ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच पिछले दिनों हुई दो दिवसीय समिट के दौरान वैश्विक और द्विपक्षीय दीर्घकालिक और रणनीतिक संबंधों को लेकर व्यापक सहमति बनी। वुहान में दोनों नेताओं की बातचीत से पुनर्विश्वास बहाली और संबंधों में सुधार को नई गति मिली जिसे दोकलाम में तनाव के चलते झटका लगा था।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति शी का बीजिंग से बाहर दो बार मोदी का स्वागत किया जाना भारत के साथ संबंधों को दी जानी वाली अहमियत को दिखाता है। इससे पहले शी ने किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के लिए ऐसा नहीं किया। दोनों नेताओं के पास इस साल तीन से अधिक अवसरों पर मुलाकात के मौके होंगे।
चीनी राजदूत ने बताया कि दोनों नेता जून में चीन में होने वाले शंघाई कोऑपरेशन आर्गनाइजेशन (एससीओ), दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स सम्मेलन, अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में जी20 सम्मेलन में मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंधित अधिकारी इन मुलाकातों को लेकर काम कर रहे हैं।
व्हाइट हाउस ने की मोदी और शी बैठक की सराहना
चीन में पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात को लेकर अमेरिका ने सराहना की है। व्हाइट हाउस ने भी मोदी-जिनपिंग के बीच चीन के वुहान शहर में हुई बैठक को समर्थन देते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि दुनिया के नेता आपस में मिल रहे हैं।
चीन में इस दो दिनी अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और शी जिनपिंग सैन्य व सुरक्षा मामलों में संचार व्यवस्था को सुधारने पर सहमत हुए थे। शिखर सम्मेलन के बारे में पूछे जाने पर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के दोनों देशों के साथ अच्छे रिश्ते हैं ओर हम इसे इसी तरह आगे भी जारी रखना चाहते हैं। मेरा मानना है कि विश्व नेताओं के एक साथ आने से चीजें हमेशा ठीक हों। हम यदि सहयोग कर सकते हैं तो निश्चित तौर पर यह अच्छी बात होगी।
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