नई दिल्ली 'डेयरडेविल्स' से 'कैपिटल्स' बनी दिल्ली की टीम से आईपीएल की चमचमाती ट्रोफी पहुंच से अब तक दूर है। अब 13वें सीजन में वह विदेशी जमीं पर इतिहास बदलने की पुरजोर कोशिश में होगी। इस टीम में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कमी नहीं, मगर शुरुआत से ही वह इसे सफलता में तब्दील नहीं कर पाई। के पास श्रेयस अय्यर, अजिंक्य रहाणे, पृथ्वी साव, , इशांत शर्मा, अमित मिश्रा जैसे शानदार क्रिकेटर हैं, जो उसे दमदार और खिताब का दावेदार बनाता है। टीम का पहला मैच 20 सितंबर को किंग्स XI पंजाब से है। ये हैं मजबूत पक्ष बैटिंग यूनिट: लीग में सबसे तगड़ी बैटिंग लाइन अप वाली टीमों में से एक है। पृथ्वी, रहाणे और शिखर और कप्तान श्रेयस अय्यर के रूप में बल्लेबाजी पूरी तरह संतुलित नजर आती है। जोरदार टॉप ऑर्डर होने के कारण कप्तान वहां एक्सपेरिमेंट भी कर सकते हैं स्पिन अटैक: यूएई के स्लो ट्रैक पर दिल्ली की तकदीर तय करने में इस टीम के स्पिनर्स का अहम रोल रहेगा। अमित मिश्रा और आर. अश्विन के रूप में लेग और ऑफ स्पिनर की बेहद अनुभवी और दिग्गज जोड़ी का फायदा मिलना तय है। अमित मिश्रा आईपीएल इतिहास के सबसे कामयाब स्पिनर जबकि ओवरऑल दूसरे सबसे सफल बोलर हैं शिमरोन हेटमेयर: यह कैरेबियाई टाइफून गेंदबाजों पर बर्बरता से टूटता है। सिक्स जड़ने की उनकी काबिलियत जगजाहिर है। पूर्व में आरसीबी का हिस्सा रहे हेटमेयर ने आईपीएल-2019 में पांच मैचों में 90 रन बनाए थे। डीसी ने उन्हें 7.75 करोड़ में खरीदा है। यहां है टीम कमजोर निरंतरता पर चिंता: टीम की एक बड़ी कमजोरी उसके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है। पृथ्वी साव और ऋषभ पंत जैसे प्रतिभाशाली बल्लेबाज भी इससे काफी हद तक जूझते रहे हैं पेस बोलिंग विभाग: टीम भले ही बड़े स्कोर खड़ा करे लेकिन उसका बचाव करने लायक पेसर्स की कमी है। पावरप्ले और डेथ ओवर्स में यह कमजोरी भारी पड़ सकती है। हालांकि कागिसो रबाडा और ईशांत शर्मा के रूप में दो उम्दा पेसर्स हैं ऑलराउंडर्स की कमी: ऐसे ऑलराउंडर नहीं हैं जिन पर दांव लगाया जा सके। हालांकि अक्षर पटेल टीम के लिए थोड़ी राहत साबित हो सकते हैं।
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