Thursday, 22 August 2019

जन्‍माष्‍टमी के व्रत में इन नियमों का पालन जरूरी

सृष्टि के तारणहार भगवान विष्‍णु ने समय-समय पर अलग-अलग अवतार लेकर संपूर्ण ब्रह्मांड को संकट से बचाया है और समस्‍त मानव जाति का उद्धार किया है। इसी क्रम में भगवान विष्‍णु ने द्वापर युग में भाद्रपद की कृष्ण अष्टमी तिथि को रोहिणी, नक्षत्र में कृष्ण के रूप में अवतार लिया। इस दिन को भगवान कृष्‍ण के जन्‍मोत्‍सव जन्‍माष्‍टमी के रूप में मनाया जाता है

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