इस डील के तहत कॉन्ट्रैक्ट होने के तीन या 5 साल के भीतर 18 जेट उड़ने की स्थिति में भारत आएंगे। इसके अलावा बाकी फाइटर जेट्स को स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के तहत भारत में ही तैयार किया जाएगा। कुछ विदेशी विमानन कंपनियों और भारतीय साझीदारों की ओर से इन्हें जॉइंट वेंचर के तहत तैयार किया जाएगा।from Navbharat Times https://ift.tt/2NDKKq1
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