
वह सेब ही था, जिसे पेड़ से टूटकर नीचे गिरता हुआ देख न्यूटन ने ग्रेविटी का पहला सिद्धांत दिया था और फिर यहीं से शुरू हुई थी उस महान खोज की कहानी, जिसने दुनिया भर की साइंस और टेक्नोलॉजी को नया मोड़ दे दिया. आज भी छोटे-बड़े हर आविष्कार में लॉ ऑफ ग्रेविटी का सबसे बड़ा योगदान है. लेकिन अपने इंडिया में कुछ ऐसा हैरतअंगेज़ नियम और कारनामा सामने आ रहा है, जिसके आगे ग्रेविटी भी फीकी पड़ जाए. इस अदभुत कारनामे की चमक देखने और जानने के लिए चलना होगा असम के गुवाहाटी शहर. गुवाहाटी से 09 किलोमीटर दूर एक गांव है पामोही. यहीं रहते हैं अजब-गज़ब स्टार अनूप हजारिका. अनूप जी ने जिस कारनामे को अंजाम दिया है, वो आज तक पढ़ाये गए फिजिक्स के सिद्धांतों को चैलेंज देता है और देखने वालों को टकटकी लगाने पर मजबूर कर देता है. दरअसल अनूप जी ने एक ऐसा अदभुत लैंप बनाया है, जिसमें लौ ऊपर की तरफ नहीं बल्कि नीचे की तरफ जलती है. फिजिक्स के ही नहीं बल्कि दुनिया के बड़े-बड़े वैज्ञानिकों के नियमों को झुठलाता हुआ यह लैंप अजूबा बन गया है. अनूप जी का लैंप दिखने में तो साधारण है, लेकिन इसके काम करने का अंदाज़ असाधारण है. जिसे न किसी ने कभी देखा होगा और न ही सुना होगा. विरासत में मिली साइंटिफिक एप्रोच को अनूप ने आगे बढ़ाया. अनूप जी का यह अनोख आविष्कार जितना चौंकाने वाला है, उतना ही साइंस और टेक्नोलॉजी के लिए कारगर साबित होने वाला है. इस अनूठे कारनामे से बढ़ते हुए प्रदूषण को भी रोकने में मदद मिलेगी, जो आज पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा ख़तरा बना हुआ है.
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