क्या बैलट पेपर और बैलट बॉक्स के जरिए निजी जिंदगी से जुड़े फैसले भी लिए जा सकते हैं। क्या किसी बच्चे का नाम रखने के लिए भी वोटिंग के जरिए बहुमत का सहारा लिया जा सकता है। जी हां, ऐसा ही कुछ हुआ है महाराष्ट्र में।from Navbharat Times https://ift.tt/2lji09B
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