रिपोर्ट के मुताबिक आर्डनंस फैक्ट्रीज से सप्लाई होने वाले प्रॉडक्ट्स को 94 फीसदी से कम करके 50 फीसदी पर लाया जाएगा। इस कदम से सैनिकों को वर्दी की सप्लाई (युद्धक ड्रेस, बेरेट्स, बेल्ट्स, जूते) प्रभावित होगी। ऐसे में सैनिकों को अपने पैसे से यूनिफॉर्म और दूसरे कपड़े सिविलियन मार्केट से खरीदने पड़ेंगे।from Navbharat Times https://ift.tt/2LT05Tc
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