Thursday, 21 June 2018

पढ़ें, जब नवाब के कहर से कांप उठे थे अंग्रेज

भारत पर दो सौ साल से भी ज्यादा लंबा शासन करने वाले अंग्रेजों को भारत के एक नवाब ने नाकों चने चबवा दिये थे। इतिहास में 21 जून का दिन इसी लड़ाई, उसके बाद अंग्रेजों के आत्मसमर्पण और उनके 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने के नाम दर्ज है। दरअसल भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक से राजनीतिक कंपनी में बदलने की शुरूआत भी इसी युद्ध से हुई। झगड़ा शुरू हुआ बंगाल में व्यापारिक कंपनियों के रूप में मौजूद फ्रांसीसियों और अंग्रेजों की आपसी प्रतिद्वंद्विता के साथ। दोनों ने अपनी-अपनी कंपनियों की किलेबंदी शुरू कर दी थी। इसपर बंगाल के नवाब सिराजुदौला ने रोक लगा दी। फ्रांसीसी तो मान गये लेकिन अंग्रेजों ने फरमान को अनसुना कर दिया। इसके बाद ही सिराजुदौला ने कंपनी के कासिम बाजार स्थित किले पर आक्रमण कर उन्हें आत्मसमर्पण के लिए बाध्य किया। कहा जाता है कि युद्ध के बाद 146 अंग्रेजों को 18 फुट लंबे तथा 14 फुट 10 इंच चौड़े एक कमरे मेँ बंद कर दिया गया था, जिसमें से सिर्फ 23 अंग्रेज ही बच पाए थे। जून, 1756 मेँ घटी यह घटना इतिहास मेँ ब्लैक होल के नाम से विख्यात है।

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