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स्काईमेट वेदर के मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने बताया, सात राज्यों में आई भयानक आंधी के दो मुख्य कारण हैं। जम्मू एवं कश्मीर में बुधवार को आया नया पश्चिमी विक्षोभ और उत्तरी राजस्थान, हरियाणा एवं पंजाब में बना चक्रवाती हवा का क्षेत्र। यह पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान की ओर से आया है।
वैज्ञानिक पलावत के मुताबिक चक्रवाती हवा के क्षेत्र से दो जगहों पर हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में गरजने वाले बादल बन गए। वहीं चक्रवाती हवा के क्षेत्र वाले इन इलाकों से पूर्व की ओर बिहार तक निम्न दबाव की रेखा बन गई। हरियाणा में बने गरजने वाले बादल आगे बढ़े और पूर्वी हरियाणा से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक जबरदस्त आंधी-बारिश ले आए।
वहीं उत्तरी राजस्थान के गरजने वाले बादल अलवर आदि शहरों से होते हुए आगरा समेत पूरे मध्य उत्तर प्रदेश में आंधी ले आए। 100 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चली। पेड़ गिरे और भारी तबाही हुई। राजस्थान में तो 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का दावा किया जा रहा है।
दो दिन रहेगा असर
तीन और चार मई के दौरान भी यह दबाव का क्षेत्र बना रहेगा, लेकिन तेज आंधी-तूफान की संभावना कम है। हालांकि पूरे मई में प्री मानसून सीजन में रह-रहकर देश के अलग-अलग इलाकों में आंधी तूफान आते रहेंगे।
मौसम विभाग का अनुमान हुआ फेल
मौसम विभाग ने एक से चार मई के बीच पूर्वोत्तर भारत में आंधी का अनुमान लगाया था। वहीं राजस्थान समेत उत्तर भारत में आंधी-तूफान का कोई अलर्ट जारी नहीं किया था। हालांकि निजी मौसम एजेंसी जैसे स्काईमेट ने उत्तर भारत में आंधी की आशंका जाहिर की थी।
क्यों आती है आंधी
राजस्थान भूमध्य रेख के इर्दगिर्द है। इस क्षेत्र में वायु मंडलीय दबाव कम होता है। दबाव सीमा से अधिक पहुंचने पर ठंडी शुष्क हवा जमीन की ओर आती है। वहीं जमीन की हवा ऊपर की ओर उठती है। हवा की रफ्तार ज्यादा होने पर यह आंधी बन जाती है।
क्या होता है निम्न दबाव का क्षेत्र
जिस क्षेत्र में वायु का दबाव आसपास के क्षेत्र से कम हो जाता है, उसे निम्न दबाव का क्षेत्र कहते हैं। इससे बारिश होती है।
पश्चिमी विक्षोभ
भूमध्यसागर से उठी तूफानी हवा को पश्चिमी विक्षोभ कहते हैं। इससे उत्तर पश्चिमी भारत में शीत ऋतु में बर्फबारी होती है। वहीं मानसून के इतर गर्मियों और सर्दियों में इससे तेज हवाएं चलती हैं।
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