Friday, 4 May 2018

Sangh Denies Reports Of Bjp Dalit Outreach Programme On Instruction Of Mohan Bhagwat - भागवत के दलितों पर निर्देश वाली खबरों का संघ ने किया खंडन, प्रचार प्रमुख बोले- नहीं दी ऐसी हिदायत

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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के भाजपा नेताओं को दलितों के घर जाने को लेकर विशेष निर्देश दिए जाने की खबरों को संघ ने खारिज कर दिया है। 

संघ के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने शुक्रवार को यहां जारी एक बयान में कहा, ऐसी सभी रिपोर्ट ‘आधारहीन और गुमराह करने वाली’ हैं। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भागवत ने दलितों के मुद्दों पर दिल्ली में एक बैठक की थी। 

इसमें उन्होंने कहा कि दलितों के घर जाना और खाना खाना ही इस समुदाय के सशक्तिकरण के लिए पर्याप्त नहीं है। नेताओं को दलितों को भी अपने घर खाना खाने का आमंत्रण देना चाहिए।

कुमार ने कहा, दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में ऐसी कोई बैठक नहीं हुई, जिसमें भाजपा के ग्राम स्वराज अभियान को लेकर कुछ कहा गया हो। 

उन्होंने कहा, संघ किसी भी तरह के जाति आधारित भेदभाव को स्वीकार नहीं करता। उसने हमेशा सभी के लिए ‘एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान’ की तरफदारी की है। संघ प्यार और स्नेह के आधार पर एक एकजुट समाज बनाने की दिशा में काम कर रहा है। वह चाहता है कि इस समाज में सभी बिना जातिगत भेदभाव के समानता से रहें। 


आरएसएस आगामी लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने में जुट गया है। इसी सिलसिले में उत्तर प्रदेश सहित देश के अलग-अलग राज्यों के क्षेत्र और प्रांत प्रचारकों की बैठक गुजरात के सोमनाथ में बुलाई गई है।

15, 16 और 17 जुलाई को प्रस्तावित बैठक की अध्यक्षता आरएसएस प्रमुख करेंगे। इसमें लोकसभा चुनाव पर चर्चा होगी। साथ ही यूपी सहित कई राज्यों के संगठन में बदलाव किया जाएगा। बैठक में आरएसएस के 42 प्रांत और 11 क्षेत्र के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। 

यूपी के गोरक्ष, वाराणसी, कानपुर और लखनऊ के प्रांत प्रचारकों को भी सोमनाथ जाना है। क्षेत्र प्रचारक अनिल को बैठक में बुलाया गया है। नागपुर की प्रतिनिधि सभा के बाद आरएसएस ने यूपी के संगठन में कुछ बदलाव किया था। 

वाराणसी के प्रांत प्रचारक रहे अनिल को क्षेत्र प्रचारक बनाकर लखनऊ भेजा गया था। इसके साथ ही रमेश को वाराणसी का प्रांत प्रचारक बनाया गया था। आरएसएस सूत्रों ने बताया कि सोमनाथ की बैठक के बाद कुछ और प्रांतों के संगठन में बदलाव संभव है। आरएसएस की इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता भी हिस्सा लेंगे।



आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के भाजपा नेताओं को दलितों के घर जाने को लेकर विशेष निर्देश दिए जाने की खबरों को संघ ने खारिज कर दिया है। 


संघ के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने शुक्रवार को यहां जारी एक बयान में कहा, ऐसी सभी रिपोर्ट ‘आधारहीन और गुमराह करने वाली’ हैं। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भागवत ने दलितों के मुद्दों पर दिल्ली में एक बैठक की थी। 

इसमें उन्होंने कहा कि दलितों के घर जाना और खाना खाना ही इस समुदाय के सशक्तिकरण के लिए पर्याप्त नहीं है। नेताओं को दलितों को भी अपने घर खाना खाने का आमंत्रण देना चाहिए।

कुमार ने कहा, दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में ऐसी कोई बैठक नहीं हुई, जिसमें भाजपा के ग्राम स्वराज अभियान को लेकर कुछ कहा गया हो। 

उन्होंने कहा, संघ किसी भी तरह के जाति आधारित भेदभाव को स्वीकार नहीं करता। उसने हमेशा सभी के लिए ‘एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान’ की तरफदारी की है। संघ प्यार और स्नेह के आधार पर एक एकजुट समाज बनाने की दिशा में काम कर रहा है। वह चाहता है कि इस समाज में सभी बिना जातिगत भेदभाव के समानता से रहें। 






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संघ के प्रांत-क्षेत्र पदाधिकारियों की बैठक सोमनाथ में 15 जुलाई से 







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