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हालांकि यूनेस्को की ये रिपोर्ट तैयार करने वाली विंग द यूनेस्को-इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट (आईएफजे) के दक्षिण एशिया समन्वयक उज्जवल आचार्य ने इसे नकार दिया।
उन्होंने कहा कि कश्मीर को दक्षिण एशिया के सबसे विस्फोटक क्षेत्रों में से एक होने के कारण स्पेशल फोकस के तौर पर अलग से दर्शाया गया है।
उन्होंने कहा कि ये नई बात नहीं है, पिछले साल भी छत्तीसगढ़, काबुल, श्रीलंका के कुछ हिस्सों, नेपाल और पाकिस्तान को भी इस तरह से दिखाया जा चुका है।
बृहस्पतिवार को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यूनेस्को की रिपोर्ट ‘कठोर नीति और साहस- दक्षिण एशिया प्रेस स्वतंत्रता रिपोर्ट 2017-18’ के नाम से यहां पर यूनेस्को कार्यालय में रिलीज की गई।
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