एक मुहोब्बत के परवाने को अपनी जिन्दगीं में क्या चाहिए, बस दो वक़्त कि शायरी! जी हाँ, मोहोब्बत की बीमारी की सिर्फ एक ही दावा है और वो है मोहोब्ब| हम जानते हैं की आपने भी अपनी ज़िन्दगी में कभी ना कभी तो मोहोब्बत की ही होगी| इसीलिए आज हम आपके लिए दो ऐसी शायरियां लेकर आएं हैं जिन्हें पढ़कर आप फिर खुद को मुहोब्बत के दरिया में महसूस करेंगे…तो लीजिये पेश है लव शायरी | Hindi Me Shayari
लव शायरी | Hindi Me Shayari
हर सर्द अँधेरी रात में जैसे वाकिफ हो कोई सपना मुझसे,
हर सुर्ख अधूरी बात में जैसे शामिल हो कोई अपना मुझमें…
में रहता हूँ तुझमें कहीं, बिन बादल बरसात सा.
हर शाम हसीं मुलाकात में जैसे मुक़र्रर हो कोई लम्हा मुझसे!
वो हो तुम, बस तुम…
हर दिन की साँझ परछाई सा जैसे निकलता हो कोई साया मुझसे,
हर शाम की रात तन्हाई सा जैसे मचलता हो कोई घबराया मुझमें…
हर पल में तुझसे प्यार करूँ वो है मुहोब्बत,
हर पल में तुझसे बात करूँ वो है मुहोब्बत…
मुहोब्बत वो नहीं जो ज़िन्दगी भर साथ रहे,
हर पल में तुझे ही याद करूँ, वो है मुहोब्बत!
मुहोब्बत एक दरिया है, डूबना सभी को है जिसमें…
हर वक्त में तेरा इकरार करूँ, वो है मुहोब्न्बत!
मुहोब्बत एक अहसास है, दिल में बस जाने का,
मुहोब्बत एक ख्वाब है, हसने और रुलाने का…
मुहोब्बत एक आंसू है हर गम और ख़ुशी में….
मोहोब्बत एक ज़रिया है, एक दुसरे में खो जाने का…
मुझे आज भी याद है
मुझे आज भी याद है वो मुस्कुराना तुम्हारा,
मुझे आज भी याद है वो खिलखिलाना तुम्हारा…
चाहत की खुशबु से जब महका था ये दिल,
मुझे आज भी याद है वो शर्माना तुम्हारा!
तुम शाम की हसीं थी, में सवेरा था मुक्कदर का..
तुम ख्वाब थी सर्द रातों में, में एक छौर था समंदर का…
तुम कालिंदी थी ठहरी थी, में साया था बवंडर सा…
तुम इक प्यास थी माशूक सी, में मस्त था कलंदर सा…
मुझे आज भी याद है वो खुशबु तुम्हारी,
मुझे आज भी याद है वो आरज़ू तुम्हारी…
तुम दिल में बसी थी हमारे इस कदर,
मुझे आज भी याद है वो गुफ्तगू तुम्हारी…
लव शायरी | Hindi Me Shayari
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