हुनरमंद इंसान हमेशा कतार से अलग खड़ा दिखाई देता है. अक्सर ही लोग दूसरों के बनाए रास्ते पर चलते हैं, क्योंकि उन रास्तों पर जोखिम कम होता है, वहीं कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जो अपना रास्ता खुद बनाते हैं. इसी बात को सच कर दिखाया है राजस्थान, जयपुर के गया प्रसाद अग्रवाल ने. गया प्रसाद ने मात्र 25 दिन में तार ,मेटल,ब्रास के साथ अपने अनुभवों को जोड़ दुनिया की सबसे छोटी ड्रिल मशीन बनाई है. उनके इस कारनामे को देखकर हर कोई कहता है OMG! अजब भी है, गजब भी है मेरा इंडिया. उनके द्वारा बनाई गई इस ड्रिल की चर्चा केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है, क्योंकि इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल कर लिया गया है. दोस्त द्वारा दी गई चुनौती को प्रसाद ने मात्र 25 दिन में पूरा कर दिखाया और न्यूजीलैंड के रिकार्ड को पीछे छोड़ जयपुर का नाम दर्ज कर दिखाया है. 17 एमएएम के साथ पहले ये रिकार्ड न्यूजीलैंड के नाम था. प्रसाद के इस अनोखे रिकार्ड को गिनिज बुक ने शामिल करते हुए सर्टिफाइड करने की भी घोषणा कर दी है. उन्होंने बताया कि रिकार्ड के लिए अप्लाई करने के बाद कई तरह की फॉर्मेलिटीज पूरी की गई. जिसमें उन्होंने इस ड्रिल मशीन के वीडियो, फोटो और उससे सम्बन्धित दस्तावेजों को ऑनलाइन सबमिट किया. करीब 100 लोगों के बीच अपनी ड्रिल मशीन का डेमो देते हुए गया प्रसाद ने मौजूद सभी लोगों का एप्रिसिएशन लिया और वीडियो के जरिए अपने ड्रिल मशीन की छोटी-बड़ी सभी डिटेल को सबमिट कर दिया. गौरतलब है कि इससे पहले गया प्रसाद इसी तरह का एक तोप, हुक्का और चरखा भी बना चुके हैं, जो आकार में बहुत छोटे हैं. उनकी इस कला के लिए सूबे की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी उनकी सराहना कर चुकी हैं. प्रसाद द्वारा बनाई गयी ये सभी चीजें इलेक्ट्रिक से काम भी करती हैं.
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