पालघर: लोकसभा के दिवंगत सदस्य चिंतामन वनगा के परिवार के सदस्य बीजेपी को झटका देते हुए शिवसेना में शामिल हो गए हैं. वनगा के परिवार के सदस्यों ने बीजेपी पर 'अन्याय' का आरोप लगाया है. बीजेपी सांसद चिंतामन वनगा का 30 जनवरी को दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. वनगा की विधवा जयश्री व उनके बच्चों श्रीनिवास व प्रफुल्ल ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से गुरुवार को मुलाकात की और बीजेपी छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की.
जयश्री वनगा ने कहा, "बीते 35 सालों से चिंतामन वनगा ने इस इलाके में पार्टी को तैयार किया, लेकिन बीजेपी नेताओं ने हमारे साथ अन्याय किया और पूरी तरह से हमे नजरअंदाज किया. हमने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व बीजेपी के राज्य इकाई के अध्यक्ष राव साहेब पाटिल-दानवे से मिलने का समय मांगा, लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला."
परिवार ने कहा कि इसी के मद्देनजर उसने भारतीय जनता पार्टी छोड़ने व शिवसेना में शामिल होने का फैसला किया. वनगा परिवार का शिवसेना में स्वागत करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि वनगा परिवार ने हिंदुत्व वोटों को बिखराव से बचाने व हिंदुत्व विचारधारा के लिए शिवसेना के साथ आने का फैसला किया है.
उद्धव ठाकरे ने कहा, "हम वनगा परिवार के प्रति अत्यधिक सम्मान रखते हैं. उन्होंने आगामी लोकसभा उपचुनाव (28 मई) के लिए पार्टी से टिकट की मांग नहीं की है. हम पालघर के शिवसेना कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चर्चा करने के बाद उम्मीदवार पर अंतिम रूप से फैसला लेंगे."
उन्होंने कहा कि अगर यह एक चुनावी टिकट लेने भर का मामला होता तो वे किसी भी पार्टी में जा सकते थे, लेकिन उन्होंने वैचारिक आधार पर शिवसेना में शामिल होने को तरजीह दी. जयश्री वनगा ने कहा कि बीते कई दशकों से शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे व उनके बेटे उद्धव ठाकरे से उनके सौहार्द भरे आत्मीय संबंध रहे हैं. उद्धव ठाकरे ने कहा कि भविष्य के चुनावों में बीजेपी के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद इस महीने के अंत में होने वाले पालघर व भंडारा-गोडिया लोकसभा उपचुनावों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी.
(इनपुट IANS से)
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