40 साल के मुकेश वानिया अभी 3 दिन पहले ही अपने परिवार के साथ रोजगार और अच्छे जीवन की तलाश में लिंबडी से राजकोट के शापर-वेरावल पहुंचे थे। अपने 10 और 4 साल के बच्चों के लिए खाने का जुगाड़ करने के लिए इस बेरोजगार दलित शख्स ने औद्योगिक इलाकों से स्क्रैप इकट्ठा कर उन्हें बेचने का फैसला किया।from Navbharat Times https://ift.tt/2KLThFR
0 comments: