दोहा भारत के ने यहां चल रही वर्ल्ड चैंपियनशिप में पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में अपने राष्ट्रीय रेकॉर्ड को तोड़ते हुए तोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर लिया। हालांकि वह इस स्पर्धा के फाइनल में 13वें स्थान पर रहे। अविनाश ने तीन दिन में दूसरी बार अपना राष्ट्रीय रेकॉर्ड तोड़ा। पुरुषों की 20 किमी पैदल चाल स्पर्धा में भाग ले रहे 40 प्रतिभागियों में राष्ट्रीय रेकॉर्डधारी केटी इरफान एक घंटे 35 मिनट 21 सेकंड के समय से निराशाजनक 27वें स्थान पर रहे, जबकि हमवतन देवेंदर सिंह एक घंटे 41 मिनट 48 सेकंड के समय से 36वें स्थान पर रहे। इरफान पहले ही तोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर चुके हैं और उनके नाम राष्ट्रीय रेकॉर्ड भी दर्ज है। 29 वर्षीय इरफान 2017 में पिछले चरण में 23वें और देवेंदर 50वें स्थान पर रहे थे। महाराष्ट्र के मांडवा गांव के किसान के बेटे अविनाश ने आठ मिनट 21.37 सेकंड का समय निकालकर ओलिंपिक क्वॉलिफाइंग मानक समय 8:22.00 से बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन वह शुक्रवार की रात पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में 13वें स्थान पर रहे। इस समय से अविनाश ने तीन दिन में दूसरी बार अपना ही राष्ट्रीय रेकॉर्ड तोड़ा। भारतीय सेना के इस 25 वर्षीय हवलदार ने मंगलवार को पहले दौर की हीट के दौरान (तब के) राष्ट्रीय रेकॉर्ड 8:28.94 सेकंड से बेहतर करते हुए 8:25.23 का समय निकाला था। मौजूदा ओलिंपिक चैंपियन कोनसेसलस किप्रुतो ने 2017 के खिताब को बरकरार रखा। कीनिया के ऐथलीट ने आठ मिनट 01.35 सेकंड के समय से स्वर्ण पदक जीता। वह अविनाश से 20 सेकंड आगे रहे। इथियोपिया के लामेचा गिरमा ने 8 मिनट 01.36 सेकंड से रजत और मोरक्को के सोफियाने बाकाली ने आठ मिनट 03.76 सेकंड के समय से कांस्य पदक जीता। अविनाश 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद 5 महर रेजिमेंट से जुड़ गए थे और 2013-14 में सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे। जिसके बाद उनकी तैनाती 2015 में राजस्थान और सिक्किम में हुई। वर्ष 2015 में उन्होंने अंतर-सेना क्रॉस कंट्री रेस में हिस्सा लिया और फिर वह सेना के कोच अमरीश कुमार के मार्गदर्शन में 2017 में स्टीपलचेज में भाग लेने लगे। मंगलवार को वह हीट रेस में जगह बनाने नाकाम रहे थे लेकिन नाटकीय परिस्थितियों के बाद उन्होंने शुक्रवार को फाइनल में जगह बनाई। भारतीय ऐथलेटिक्स महासंघ ने विरोध दर्ज कराया था कि हीट के दौरान अन्य खिलाड़ियों ने उनके मार्ग में बाधा उत्पन्न की थी। इस विरोध को स्वीकार किए जाने के बाद उन्हें पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज फाइनल में शामिल किया गया। विडियो फुटेज की जांच के बाद रेस के रैफरी ने माना कि दो मौकों पर अविनाश के मार्ग में रुकावट पैदा की गई थी। भारत के विरोध को स्वीकार कर लिया गया और नियम 163.2 (बाधा पहुंचाने) के अंतर्गत उन्हें फाइनल में शामिल किया गया।
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