Saturday, 29 December 2018

धीरूभाई अंबानी: कैसे एक गांव के लड़के का सपना बन गया देश का सपना

धीरूभाई अंबानी का नाम जेहन में आते ही हमारे दिल की धड़कने ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगती हैं और हमारी आंखों के सामने एक विशाल सी रोशनी आ जाती है. इनका जन्म 28 दिसंबर, 1932, को गुजरात के जूनागढ़ जिले के चोरवाड़ गांव में हुआ था. यह एक छोटा गांव था, मगर धीरूभाई का सपना छोटा नहीं था. आर्थिक तंगी की वजह से हाईस्कूल में अपनी पढ़ाई छोड़ दी और पकौड़े बेचने लगे. ये उनका पहला व्यवसाय बना. गिरनार की पहाड़ियों पर तीर्थयात्रियों को पकौड़े बेचकर उन्होंने अपनी पहली कमाई शुरू की थी. ये पहला ऐसा मौका था, जब धीरूभाई को आत्मविश्‍वासी बनाया. आज रिलायंस कंपनी का कैपिटल 5 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो चुका है. यह एक दिन में नहीं हुआ है. इसके पीछे धीरूभाई अंबानी की लगन, मेहनत और आत्मविश्वास है. इस डॉक्यूमेंट्री मूवी में धीरूभाई अंबानी की ज़िंदगी से जुड़ी सभी घटनाओं को दिखाया गया है.

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