असम के एक छोटे से गांव में रहने वाली हिमा दास जब से छोटी थीं, तब से रोज सुबह तड़के उठकर पास के ही मैदान में पहुंच जाया करती थीं। उनके पास पर्याप्त साधन भी नहीं थे और न ही ढंग का मैदान, बावजूद इसके वह जो मैदान उपलब्ध था
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मुश्किलों को हराकर यूं चैंपियन बने हमारे खिलाड़ी
Tuesday, 18 September 2018
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