नील कमल, पटना : बिहार में लॉ एंड ऑर्डर का मसला सियासत के सेंटर में आ गया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी के निशाने पर नीतीश कुमार हैं। उन्होंने कहा कि 'लालू के 'कबाब मंत्री' को पुलिस ने पीरबहोर थाने से छोड़ दिया। आरजेडी समर्थकों ने थाने में घुसकर पुलिसकर्मियों की पिटाई की यही 'जनता राज' है? नीतीश कुमार सत्ता के लिए ऐसे दल से मिल गए, जिसके आधा दर्जन से ज्यादा विधायक हत्या, अपहरण, बलात्कर और भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में अभियुक्त या सजायाफ्ता हैं।' सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 'जनता राज' वाली टिप्पणी पर कहा कि 'जहां कानून की नजर में वंछित अभियुक्त को कानून मंत्री बनाया गया, फिर उसे इस्तीफा देते ही गिरफ्तार करने के बजाय फरार होने का मौका दिया गया, वहां क्या 'जनता राज' हो सकता है?' ये कैसा 'जनता राज' है?- सुशील मोदी सुशील मोदी ने नीतीश कुमार और जेडीयू से सवाल किया है। उन्होंने कहा कि राजद विधायक रीतलाल यादव के गुर्गों का खनन विभाग के अधिकारियों को खुलेआम हत्या की धमकी देना क्या जनता राज है? सुशील मोदी ने कहा भ्रष्टाचार के मामले में सजा होने के बाद राजद विधायक अनिल सहनी की विधानसभा सदस्यता जाने वाली है। इससे पहले एके-47 बरामद होने के मामले में अनंत सिंह की सदस्यता समाप्त हुई। नाबालिग छात्रा से बलात्कार मामले में राजद के राजबल्लभ यादव को भी विधायकी से वंचित होना पड़ा था। अब अरुण यादव ऐसे ही मामले में फरार बताए जा रहे हैं। सुशील मोदी ने कहा कि जो दल बलात्कारियों को बचाता हो, उसके समर्थन से चलने वाली सरकार को क्या जनता राज कहेंगे? 'जनता तो छोड़िए, पुलिस भी सुरक्षित नहीं' सम्राट चौधरी ने कहा कि पत्रकारों ने जब मुख्यमंत्री से बिहार में जंगलराज का सवाल पूछा तो उन्होंने जिस झल्लाहट और चिड़चिड़ेपन से कहा कि बिहार में जंगलराज नहीं बल्कि जनता का राज है। नीतीश कुमार के बयान में चिड़चिड़ापन इसलिए था कि उन्हें भी ये पता है कि बिहार में एक महीने के भीतर ही अपराधियों ने तांडव करना शुरू कर दिया है। लेकिन ये मुख्यमंत्री की कुर्सी की मोह ही है कि जंगलराज भी आज नीतीश कुमार को जनता का राज दिखाई देने लगा है। 'राजधानी में भी पुलिस वालों की पिटाई' बीजेपी नेता का कहना है कि नीतीश कुमार के जनता राज का आलम ये है कि पहले बिहार के दूरदराज के जिलों में पुलिस की पिटाई अपराधी कर रहे थे। पुलिसकर्मियों की हत्या तक करने जैसी वारदात को अंजाम दे रहे थे। अब तो अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि राजधानी पटना के बीचोबीच एक खास समुदाय के इलाके में पुलिस के ऊपर हमला किया जा रहा है। दौड़ा-दौड़ाकर उन्हें पीटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये तुष्टीकरण का ही नतीजा है कि एक खास समुदाय के लोग अपराधी को बचाने के लिए पुलिस पर भी हमला करने से बाज नहीं आ रहे। सुशील मोदी के बयान पर आरजेडी की सफाई RJD प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव का कहना है कि पूर्व विधान पार्षद अनवर अहमद राजद के सदस्य नही हैं। शक्ति यादव ने कहा कि आठ साल पहले ही राजद ने पार्टी विरोधी आचरण के लिए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। लेकिन देखा जा रहा है कि मीडिया में इसे RJD से जोड़ कर खबरें चलाई जा रही है। बिहार में कानून का राज है, यहां कोई भी कानून तोड़ेगा तो उसे शासन किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेगा। आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी ने इस खबर को बड़ी ही गम्भीरता से लिया है। उन लोगों के खिलाफ भी कानूनी रूख अख्तियार करेंगे, जो सत्यता की जांच किए बगैर राजद के खिलाफ खबर चला रहे हैं। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने, दो दिन पहले पटना में पुलिस वालों की हुई पिटाई पर नीतीश सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में लालू के 'कबाब मंत्री' को पुलिस ने पीरबहोर थाने से छोड़ दिया। राजद समर्थकों ने थाने में घुसकर पुलिसकर्मियों की पिटाई की यही 'जनता राज' है? पटना के पीरबहोर में क्या हुआ था? पटना के पीरबहोर थाना क्षेत्र में गुरुवार की रात असामाजिक तत्वों ने पुलिस टीम पर हमला कर न केवल पकड़े गए दो बदमाशों को पुलिस से छुड़ा ले गए बल्कि पुलिसकर्मियों को दौड़ा दौड़ाकर पीटा। इस घटना में तीन पुलिस जवान (कांस्टेबल) घायल हो गए। पुलिस अब हमला करने वाले लोगों को चिन्हित कर गिरफ्तार करने में जुटी है। पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि पीरबहोर थाना पुलिस टीम गुरुवार की रात छापेमारी कर लौट रही थी कि पटना मार्केट के पास चार खड़े संदिग्ध लोग पुलिस को देखकर भागने लगे। पुलिस की टीम ने भी दौड़कर इनमें से दो लोगों को पकड़ लिया और उन्हें थाने ले जा रही थी। इसी बीच, डेंटल कॉलेज के सामने आसामजिक तत्व इकट्ठा हो गए और पुलिस टीम पर हमला बोल दिया। पीरबहोर के थाना प्रभारी मोहम्मद शबीउल हक ने बताया कि असामजिक तत्वों ने पकड़े गए युवकों को पुलिस की हिरासत से छुड़ाकर ले गए और पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट भी की। कौन हैं 'कबाब मंत्री' अनवर अहमद? सुशील मोदी ने बयान जारी कर कहा कि 'यही जनता का राज है? पीरबहोर थाने में राजद समर्थक घुसकर DSP से मारपीट करते हैं। Ex MLC अनवर अहमद को थाने से छोड़ देती है।' एक दूसरे बयान में उन्होंने कहा कि 'लालू के 'कबाब मंत्री' को पुलिस ने पीरबहोर थाने से छोड़ दिया। राजद समर्थकों ने थाने में घुसकर पुलिसकर्मियों की पिटाई की यही 'जनता राज' है। दरअसल, पूर्व पार्षद अनवर अहमद का घर सब्जी बाग इलाके में है। अनवर अहमद पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में मदर इंटरनेशनल स्कूल भी चलाते हैं। 2015 में अनवर अहमद उस समय काफी चर्चा में आए, जब मोतिहारी के एक कार्यक्रम में उन्होंने अपने हाथ से लालू यादव को जूते पहनाए। 90 के दशक में लालू जब मुख्यमंत्री हुआ करते थे, तब अनवर अहमद लालू के किचन कैबिनेट का हिस्सा हुआ करते थे। सियासी हलकों में उन्हें कबाब मंत्री के नाम से जाना जाता था। तब लालू यादव को मांसाहारी भोजन का काफी शौक हुआ करता था। अनवर अहमद की जिम्मेदारी होती थी कि वो लालू यादव के लिए स्वादिष्ट मांसाहारी भोजन का इंतजाम करें।
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