Thursday, 4 January 2024

और हम खड़े-खड़े बहार देखते रहे, कारवां गुज़र गया गुबार देखते रहे- नीरज

4 जनवरी 1925 में जन्मे गोपालदास नीरज की पहचान हिंदी साहित्य की दुनिया में लेखक, शिक्षक, कवि सम्मेलनों के मंचों पर काव्य वाचक और फ़िल्मों के गीत लेखक के तौर पर होती है. कई पीढ़ियों के दिलों को एक साथ गुनगुनाहट की वजह देने वाले 'नीरज' का 93 वर्ष की उम्र में 19 जुलाई साल 2018 में देहांत हो गया था. उन्होंने कई फिल्मों के लिए बेहतरीन गीत लिखे, जिन्हें लोगों के बीच बेहद पसंद किया गया और लोग उन्हें आज भी सुनना पसंद करते हैं. प्रस्तुत हैं भारतीय सिनेमा के वे सदाबहार सुपर-डुपर हिट गीत जो कवि गोपालदास नीरज की कलम से निकले और कालजयी हो गए.

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