संभव है कि इस दुलत डॉक्ट्रीन के पीछे कोई गलत मंशा नहीं रही होगी। अलगाववादियों को अपने पक्ष में करके पाकिस्तान को पस्त किया जा सकता है, उनकी यह सोच अच्छी हो सकती है, लेकिन क्या कभी ऐसा हो पाया? कल्पना कभी वास्तविकता में बदल नहीं पाई तो फिर फेल्ड डॉक्ट्रीन पर टिके रहने का मतलब क्या है?
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ब्लॉग: आतंकियों का साथ, हर बात के लिए भारत सरकार पर दोष.. पूर्व रॉ चीफ दुलत ने यूं ही कश्मीर फाइल्स को नहीं बताया प्रॉपगैंडा
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