
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक ऐसा कैफे खुला है, जहां लोग अपना गुस्सा निकालने के लिए आते हैं. भड़ास इंदौर का ही नहीं बल्कि भारत का ऐसा पहला कैफे है जहां लोग अपने तरीके से अपने गुस्से, उससे जुड़ी निराशा, जलन और चिड़चिड़ाहट को व्यक्त कर सकते हैं यानी खुलकर अपनी भड़ास निकाल सकते हैं. वह भी पूरी सुरक्षा और गोपनीयता के साथ ताकि आपके व्यावसायिक और पारिवारिक रिश्तों पर इसका कोई असर न हो. यही कारण है कि भड़ास कैफे शहर की पहचान बन चुका है. इस कैफे में गुस्सा निकालने के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. यहां पर आप न केवल तोड़फोड़ करके, चिल्लाकर बल्कि रोकर भी अपने गुस्से को निकाल सकते हैं. भड़ास में सुरक्षा व्यवस्था के साथ आप एकदम अकेले में ऑफिस, परिवार, दोस्त या प्रेमी के प्रति अपने गुस्से को व्यक्त करने के लिए उनसे संबंधित सामान को पूरी ताकत से तोड़फोड़ सकते हैं. रोने, चिल्लाने और अपशब्दों का प्रयोग भी करें तो भी कोई दूसरा नहीं सुनेगा. इस तरह आपके मन की भड़ास निकल जाएगी. मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि गुस्सा सबसे अधिक एनर्जी वाला नेगेटिव इमोशन है और इसे सही दिशा में मोड़ दिया जाए तो रचनात्मक एनर्जी बन सकती है. भड़ास में आप संगीत के वाद्य यंत्र बजाकर पेन्टिंग करके, बचपन के खेलों से या अन्य पसंदीदा काम करके अपनी एनर्जी को सकारात्मक दिशा में मोड़ दे सकते हैं. यकीन मानिए इतनी सारी खूबियों के साथ भड़ास आधुनिक इंदौर की पहचान बन गया है, जैसे राजवाड़ा के बिना इंदौर की कल्पना नहीं की जा सकती है वैसे ही आने वाले समय में भड़ास के बिना इंदौर अधूरा लगेगा.
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