भारतीय राखियों के जबरदस्त कारोबार के बाद कैट ने कहा कि लोगों के इस बदलते रूख से यह अंदाजा लगाना बेहद सहज है कि धीरे धीरे भारत के लोग अपने दैनिक जीवन में चीनी सामानों का उपयोग कम कर रहे हैं. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि भारत का हर त्यौहार देश की पुरानी संस्कृति और सभ्यता से जुड़ा हुआ है जो तेजी से पश्चिमीकरण के कारण से बहुत नष्ट हो गया है और इसलिए भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को फिर से स्थापित करने की जरूरत है.
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रक्षाबंधन पर चाइनीज राखी का सफाया, 7 हजार करोड़ की बिकीं भारतीय राखियां
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