Tuesday, 12 May 2020

टेस्ट क्रिकेट का भविष्य भारत पर टिका: ग्रेग चैपल

प्रत्यूष राज, चंडीगढ़ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज और भारत के पूर्व कोच ग्रेग चैपल () टेस्ट क्रिकेट को लेकर चिंतित हैं। उनका मानना है कि कोविड -19 () महामारी के कारण टेस्ट क्रिकेट का बड़े पैमाने पर नुकसान होगा और अगर भारत मदद नहीं करेगा तो वह खत्म होने की कगार पर पहुंच जाएगा। उन्होंने साथ ही विश्वास जताया कि महामारी के बाद टेस्ट क्रिकेट पुनरोत्थान के लिए आर्थिक रूप से भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एक फेसबुक चैट में उन्होंने कहा, 'टेस्ट क्रिकेट उसी दिन मर जाएगा, जिस दिन भारत इसे छोड़ देगा। मैं भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के अलावा अन्य देशों को टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए युवा क्रिकेटरों में निवेश करते हुए नहीं देख पा रहा हूं। ऐसा नहीं है कि मैं टी-20 के खिलाफ हूं। उसे जनता को बेचना आसान है। टेस्ट के लिए आर्थिक मुद्दा बड़े पैमाने पर होने जा रहा है। भारतीय कप्तान विराट कोहली टेस्ट को 'अल्टीमेट क्रिकेट' कहते हैं, इसलिए उम्मीद है कि यह जीवित रहेगा। चैपल का दो साल का कार्यकाल भारत के मुख्य कोच के रूप में था। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर () ने अपनी बुक 'प्लेइंग इट माई वे’ में चैपल को एक रिंगमास्टर भी कहा था, जिन्होंने खिलाड़ियों के बारे में चिंतित हुए बिना उनके विचारों को थोपा। हालांकि, चैपल से पहले लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत के मामले में भारत का रेकॉर्ड खराब था। उनके आने के एक साल बाद टीम ने 17 मैच जीते। यह उनके कार्यकाल के दौरान था कि भारत ने 2006 में 35 साल बाद कैरिबियन में एक टेस्ट सीरीज जीती। भारत ने उसी वर्ष दक्षिण अफ्रीका में अपनी पहली टेस्ट जीत भी दर्ज की थी। भारतीय क्रिकेट को सबसे बड़ा तोहफा चैपल ने महेंद्र सिंह धोनी () को दिया। धोनी की क्षमता के बारे में कभी संदेह नहीं था, लेकिन चैपल ने किसी ऐसे क्रिकेटर के विकास में हाथ बंटाया, जो हर गेंद को पार्क के बाहर मारना चाहता था, जो अपनी टीम के लिए खेलने और खेल खत्म करने के लिए तैयार रहता था। उन्होंने कहा, 'मुझे यह याद है कि जब मैं उन्हें पहली बार बल्लेबाजी करते हुए देख रहा था, तो मुझे अजीब लगा। वह निश्चित रूप से उस समय भारत के सबसे रोमांचक क्रिकेटर थे। वह सबसे असामान्य स्थिति से गेंद को हिट करते थे। वह सबसे शक्तिशाली बल्लेबाज हैं जिसे मैंने कभी देखा है।'


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