
लंदन लॉर्ड्स मैदान पर वर्ल्ड कप क्रिकेट का फाइनल हो और मैच से ऐन एक दिन पहले आपको टिकट मिल जाए। यह लॉटरी निकलने से कम नहीं। मगर लॉटरी जैसी बात तब सही लगती है जब मुकाबले में भारत, पाकिस्तान हों। न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच मैच लेकर भारतीय उपमहाद्वीप के फैंस की दिलचस्पी थोड़ी कम हो गई लगती है। मैच से एक दिन पहले लॉर्ड्स की टिकट खिड़की के बाहर लगी लाइन कम से कम यही बताती है। आयोजन से जुड़े एक अधिकारी माइकल ने बताया कि फाइनल के एक दिन पहले लॉर्ड्स की टिकट खिड़की दोपहर 12 से 3 बजे के बीच खुली थी। रीसेल में टिकटें बेची गईं। दरअसल रीसेल की टिकटें वही हैं जिन्हें पहले से दर्शकों ने खरीद रखी थी और फिर जब उनकी फेवरेट टीम फाइनल में नहीं पहुंची तो उसे आईसीसी के जरिए वापस कर दिया। पढ़ें- खुद बाजार में टिकट बेचना गैरकानूनी आयोजन समिति कहती है कि अगर टिकट होने के बावजूद आप मैच देखने नहीं आ रहे तो उसे खुद ही खुले बाजार में न बेचें। यह नियम विरुद्ध है। इसके लिए आप रीसेल का रास्ता अपना सकते हैं। माइकल हालांकि फौरी तौर पर नहीं बता सके कि कुल कितनी टिकटें रीसेल के लिए लौटाई गईं और कितने फैंस को टिकट खिड़की से खुशी-खुशी लौटना पड़ा। वैसे उनका कहना था कि तकरीबन 30 हजार की क्षमता वाले लॉर्ड्स स्टेडियम की सारी टिकटें बिक चुकी हैं। पढ़ें- भारतीय मूल के अमेरिकी सॉफ्टवेयर इंजिनियर राज भी उन लोगों में शामिल थे जो सुबह से ही टिकट खिड़की के बाहर लगी लाइन में खड़े थे। राज ने बताया कि वह भारत-बांग्लादेश मैच से इंग्लैंड में हैं और उन्होंने वहां से भारत के सारे मैच देखे। हालांकि, उनके पास फाइनल का टिकट नहीं था। उन्होंने बताया कि उनकी दिलचस्पी फाइनल से ज्यादा इस बात में है कि वह इंग्लैंड से लॉर्ड्स के ऐतिसाहिक मैदान पर एक मैच देखकर लौटेंगे।
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