Friday, 26 July 2019

राइजिंग स्टार: ऋतिक ने राष्ट्रीय स्तर पर जमाई धाक

नई दिल्ली इरादे मजबूत हों तो हौसलों के पंख से आसमान में किसी भी ऊंचाई तक उड़ान भरी जा सकती है। बोलने और सुनने में अक्षम ने इस कहावत को सच साबित करके दिखाया है। जन्म से दिव्यांग ऋतिक के मुताबिक, जब उन्होंने जूडो खेलने की इच्छा जताई थी तो लोगों ने उनका मजाक बनाया। 16 साल के ऋतिक लखनऊ के सेंट फ्रांसिस स्कूल फॉर द हेयरिंग एंपेयर्ड के छात्र हैं। हालांकि, जूडो ट्रेनिंग के चंद महीनों के भीतर उन्होंने पढ़ाई और जूडो का ऐसा बैलेंस बनाया कि लोग देखते रह गए। इसके बाद ऋतिक ने जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी धाक जमाकर सबका ध्यान खींचा। पढ़ें, ऋतिक ने इसी साल गोरखपुर में हुई राष्ट्रीय जूनियर जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने के साथ ही बेस्ट जूडोका का अवॉर्ड भी जीता है। ग्रिपिंग पर शानदार पकड़, क्विक अटैक उनकी खासियत है। चे तेचिकावारा (ब्लैक बेल्ट, जापान) उनके रोल मॉडल हैं। उन्होंने कहा, 'टीवी पर खिलाड़ियों को जूडो में मेडल जीतता देख मैंने भी जूडो सीखने की ठानी। सुनने और बोलने में अक्षम होने की वजह से मुझे दिक्कत हुई पर मैंने हार नहीं मानी। वर्ल्ड चैंपियन मिकी तनाटा (जपान) से मिलने के बाद उन्हें मैंने अपना रोल मॉडल बनाया। मैं ओलिंपिक में गोल्ड जीतना चाहता हूं। मम्मी-पापा और प्रिंसिपल के अलावा यूपी जूडो असोसिएशन के महासचिव मुनव्वर अंजार साहब मेरी हर कदम पर मदद की।' उपलब्धियां
  • 2013 में दिल्ली में दूसरे नैशनल ब्लाइंड ऐंड इंडिया डेफ जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड
  • 2014 में गोवा में आयोजित थर्ड नैशनल ब्लाइंड ऐंड डेफ जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड
  • 2016 में लखनऊ में नैशनल ब्लाइंड ऐंड इंडिया डेफ जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड
  • 2017 में हरियाणा में आयोजित 5वीं नैशनल ब्लाइंड ऐंड डेफ जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड
एक्सपर्ट टिप्स
  • डाइट में विटामिंस पर पूरा फोकस करें। बिना डाइट चार्ट के मैच के दौरान सौ फीसदी देना मुमकिन नहीं। प्रोटीन, सलाद की मात्रा अधिक रखें
  • शाकाहारियों को हरी सब्जी, दाल, पनीर का सेवन प्रचुर मात्रा में करना चाहिए। मांसाहारी मटन, फिश और अंडा जरूर खाएं
  • सफेद चीनी युक्त पदार्थ और साधारण तेल से परहेज करें। भीगा चना, बादाम जरूर लें
  • ट्रेनिंग के दौरान अधिक वेट वाले खिलाड़ी के साथ प्रैक्टिस करें ताकि मैच में अपने भार वर्ग के प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी के साथ मुकाबले में आसानी हो
  • ट्रेनिंग के दौरान स्टैमिना और स्किल पावर के साथ ग्राउंड वर्क पर मेहनत करें
  • प्रतियोगिता से पहले खाने में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और लिक्विड की मात्रा बढ़ा दें
ट्रेनिंग शेड्यूल ऋतिक हर रोज सुबह और शाम के वक्त करीब पांच से छह घंटा ट्रेनिंग करते हैं। सुबह स्ट्रेचिंग करने के अलावा रनिंग, योग के बाद हल्की प्रैक्टिस के बाद रिलैक्स करते हैं। शाम को कोच की मौजूदगी में ट्रेनिंग के बाद मैच के लिए रणनीति तैयार करने के दौरान अपनी खामियों पर कोच से चर्चा करके उसे दुरुस्त करते हैं।


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