रंगभेद दौर के साक्षी रहे अश्वेत अफ्रीकियों के जख्म भले ही नासूर बन चुके हों। लेकिन कगिसो रबाडा खुद को खुशकिस्मत मानते हैं कि वह इसके बाद के दौर में पैदा हुए। हालांकि उनके माता पिता ने काफी संघर्ष किया। रबाडा के पिता एमफो डॉक्टर थे और मां भी नौकरीपेशा थीं।
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मां-बाप के लिए वह दौर आसान नहीं था: रबाडा
Thursday, 11 April 2019
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