फादर कुमरैन ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वह उस अजनबी संदिग्ध आत्मघाती हमलावर से उलझ गए। लेकिन तभी कुछ अन्य पादरी आकर फादर कुमरैन से प्रार्थना के लिए चलने का आग्रह करने लगे क्योंकि इसमें देरी हो रही थी। जैसे वे प्रार्थना के लिए आगे पढ़ें कि उन्हें एक जबर्दस्त धमाका सुनाई पड़ा।from Navbharat Times http://bit.ly/2V9MHBV

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