Friday, 12 April 2019

1952 से अब तक..जीत हो या हार, नारों की बहार

लोकसभा चुनाव में एक बार फिर नारों की बहार है। सोशल मीडिया से लेकर हर ओर ऐसे-ऐसे नारे गढ़े जा रहे हैं, जो लोगों को लंबे चौड़े भाषणों के साथ वन लाइनर पंच से सब कुछ समझा सकें। दरअसल आजादी के बाद से चुनावों में नारों की अहम भूमिका रही है।

from Navbharat Times http://bit.ly/2Uv8bcU

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