केरल के एक गांव में एक वक्त ऐसा था जब बुजुर्गों को नेत्रदान के नाम से ये सोचकर डर लगता था कि वे मरने के बाद भगवान को कैसे देखेंगे। धीरे-धीरे न सिर्फ इस गांव की सोच बदली बल्कि अब यह बाकी गांवों को भी राह दिखा रहा है।from Navbharat Times http://bit.ly/2FI0Eij

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