हर ऑफ़िस में ऐसे स्नानवादी मिल जाते हैं जो यहां वहां घूमकर सिर्फ यही कन्फर्म करते फिरते हैं कि कौन नहाकर आया है और कौन नहीं। सवाल उठता है कि जिस शब्द के पहले 'न' है और बाद में 'ना', उस पर 'हां' करवाने के लिए यह दुनिया क्यों तुली हुई है?from Navbharat Times http://bit.ly/2DalMfn

0 comments: