मेघालय की कोयला खदान में पिछले तीन हफ्ते से 15 मजदूर फंसे हैं। इतने दिन बाद उनमें से किसी के जिंदा होने की उम्मीद कम है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन तो राहत और बचावकार्य में जुटा है लेकिन उन श्रमिकों में से एक की मां ने अपने बेटे के जिंदा होने की उम्मीद खो दी है।from Navbharat Times http://bit.ly/2RCjvRY

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