अफगानिस्तान के जलालाबाद के रहने वाले मोरल वाहलीजादा का सबसे बड़ा सपना शनिवार को 21 साल की उम्र में सच हो गया और अब वह अफगानिस्तान आर्मी में बतौर अफसर काम करेंगे। वाहलीजादा की उम्र उस वक्त 16 साल रही होगी, जब तालिबान आतंकियों ने उनके शहर पर हमला किया और दर्जनों लोगों की हत्या कर दी, इनमें से कई मोरल के करीबी रिश्तेदार थे।from Navbharat Times https://ift.tt/2Emit6K

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