यह पहला मौका नहीं है जब पिनराई ने अल्पसंख्यकों को लुभाने की बड़ी चाल चली हो। 2009 में लोकसभा चुनाव हुआ था। उसी वर्ष उन्होंने पार्टी के स्टेट सेक्रटरी का पद संभालते ही आंतकवाद के मुकदमे से रिहा हुए कट्टरपंथी अब्दुल नासर मदनी को अपने चुनावी रथ का सारथी बना दिया था।from Navbharat Times https://ift.tt/2Raqb6y

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