अगर कोई बस ड्राइवर या कंडक्टर पिछड़ी जाति से है तो इन गांवों में ना ही उन्हें रुकने के लिए कोई जगह मिलती है और ना ही कुछ खाने को दिया जाता है। कुछ जगहों पर तो उनसे 'जुर्माना' तक वसूला जाता है। एचआरटीसी ने कुल्लू के डेप्युटी कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो इन गांवों में बस सुविधा मजबूरी में बंद करनी पड़ेगी।from Navbharat Times https://ift.tt/2Bt1Jru

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