सफलता की भूख तो आम बात है, लेकिन बाएं हाथ के स्पिनर पप्पू रॉय के लिए सफलता के दूसरे मायने थे। इससे यह सुनिश्चित होता था कि उन्हें भूखे पेट नहीं सोना पड़ेगा। इस 23 वर्षीय गेंदबाज को देवधर ट्रोफी के लिए अंजिक्य रहाणे की अगुवाई वाली भारत सी टीम में चुना गया है, लेकिन कोलकाता के इस लड़के की कहानी मार्मिक है। पप्पू ने जब ‘मम्मी-पापा’ कहना भी शुरू नहीं किया था तब उन्होंने अपने माता-पिता गंवा दिए थे।
from Sports News in Hindi: Latest Hindi News on Cricket, Football, Tennis, Hockey & more | Navbharat Times https://ift.tt/2q24M3p
Home
Football
Hockey & more | Navbharat Times
SPORT
Sports News in Hindi: Latest Hindi News on Cricket
Tennis
भूख से लड़कर बना क्रिकेटर, यहां मचाएगा धमाल
0 comments: