नॉन-रेजिडेंट से प्रॉपर्टी खरीदने वाले लोग अक्सर अपने आपको टैक्स संबंधी मुश्किलों में फंसा पाते हैं। फंसने की सबसे बड़ी वजह यह होती है कि उन्हें पता ही नहीं होता कि जिससे वह प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं वह भारत का नागरिक है या नहीं। नॉन-रेजिडेंट और रेजिडेंट से प्रॉपर्टी खरीदने में बड़ा अंतर होता है। दरअसल, नॉन-रेजिडेंट के प्रॉपर्टी खरीदने पर 20 प्रतिशत या उससे भी ज्यादा टैक्स देनदारी हो सकती है। जबकि भारतीय नागरिक से जमीन लेने पर देनदारी सिर्फ 1 प्रतिशत रहती है।from Navbharat Times https://ift.tt/2niiP3s

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